बसपा अब चुनाव में किसी भी पार्टी से गठबंधन नहीं करेगी। चाहे लोकसभा हो या विधानसभा। इसका ऐलान पार्टी सुप्रीमो मायावती ने अपने जन्मदिन पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया। उन्होंने कहा, "ऐसा मैं इसलिए कह रही हूं। क्योंकि कांग्रेस पार्टी अभी से गठबंधन का गलत प्रचार करने लगी है।"
उन्होंने कहा, "2023 में कर्नाटक, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और जहां भी चुनाव होंगे, बसपा सभी चुनाव अकेले लड़ेगी। इसके अलावा, लोकसभा चुनाव में भी किसी के साथ गठबंधन नहीं करेगी।"
"सत्ता की चाभी लेनी होगी"
अल्पसंख्यकों से अपील करते हुए मायावती ने कहा, "बाबा साहेब अंबेडकर ने कहा था कि हम लोगों को अपने खुद के पैरों पर खड़ा होना है। भाईचारा बनाकर रखना होगा, सत्ता की चाभी अपने हाथों में लेनी होगी। जातिवादी लोगों के चलते उन लोगों को हक नहीं मिला। आरक्षण के प्रति सभी दल कांग्रेस-बीजेपी-सपा कोई ईमानदार नहीं रहा है।"
बसपा सुप्रीमो ने एक बार फिर से बैलेट पेपर से चुनाव करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ साल में EVM से होने वाले चुनाव को लेकर लोगों में आशंकाएं हैं। ऐसे में छोटे-बड़े चुनाव सीधे बैलेट से कराए जाने चाहिए। पार्टी मायावती के जन्मदिन को जन कल्याणकारी दिवस के तौर पर मना रही है।
"कांग्रेस, सपा ने आरक्षण पर जनता को छला"
मायावती ने कहा कि कांग्रेस की केंद्र में लंबी सरकार होने के बावजूद मंडल कमीशन की सिफारिश को लागू नहीं होने दी। अब भाजपा भी आरक्षण के हक को मार रही है। इससे यूपी निकाय चुनाव भी प्रभावित हो चुके हैं। सपा ने भी अति पिछड़ों को अधिकार न देकर छला है।
"निवेश के नाम पर नाकटबाजी"
मायावती ने भाजपा को निशाने पर लिया। कहा यूपी में निवेश के नाम पर नाटकबाजी चल रही है। जमीनी हकीकत में लोगों को कोई फायदा नहीं मिलने वाला है। इनकी गलत नीतियों की वजह से पहाड़ों पर लोगों को विस्थापित होना पड़ रहा है। कानून व्यवस्था ठीक करने की आड़ में जो घिनौनी राजनीति हो रही है, वो किसी से छिपी नहीं है।